Details, Fiction and हल्दी के चमत्कारी फायदे

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हल्दी को अन्य भाषाओं में क्या कहा जाता है?

कच्ची हल्दी को दूध में उबालकर इसका सेवन किया जा सकता है।

हल्दी एक मसाला है और जड़ीबूटी भी है। यह करकुमा लोंगा पौधे की जड़ से प्राप्त होता है, जो अदरक परिवार में एक बारहमासी है। हल्दी का सबसे प्रमुख सक्रिय अंश है करक्यूमिन। करक्यूमिन हल्दी को पीला रंग देता है।

हल्दी अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) को रोकने में मदद कर सकती है या इसके बढ़ने की गति को धीमा करने में मदद कर सकती है। भारत में, जहां लगभग हर व्यंजन में हल्दी का इस्तेमाल होता है, अल्जाइमर रोग होने की दर अपेक्षाकृत कम है। इसके अलावा, हल्दी अल्जाइमर के इलाज में एक न्यूरोप्रोटेक्टिव के रूप में कार्य कर सकती है।

कुछ जानवरों के अध्ययन से पता चलता है कि करीक्यूमिन सेरोटोनिन और डोपामाइन को बढ़ा सकता है – दो मस्तिष्क रसायन जिन्हे इंसानी दिमाग भी बनाता है और जो आपके मूड को प्रभावित करते हैं। यह तनाव में भी आपके मूड को बेहतर बनाये रखने में सहायक होते है।

जोड़ों में होने वाले दर्द एवं सूजन में भी हल्दी बहुत फायदेमंद हो सकती है क्योंकि इसमें उष्ण एवं शोथहर गुण होते है। इसके सेवन से ये अपनी गर्माहट के कारण दर्द से जल्दी आराम दिलाने में मदद करती है।

हल्दी शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है

रोज हल्दी खाने से हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और अन्य पोषक तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करके शरीर को इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम आदि रोगो से दूर रखने में सहायक होते है और आप इन रोगो से बचे रहते है।

आमतौर पर हल्‍दी का इस्‍तेमाल मसाले के रूप में किया जाता है। हल्‍दी दो रंग की होती है। आज हम काली हल्‍दी से जुड़े ऐसे उपायों के बारे में बता रहे हैं। 

बड़ी-बड़ी आंखें, जुड़ी हुई आईब्रो...हूबहू काजोल की आईना है ये लड़की, इस हल्दी के चमत्कारी फायदे हमशक्ल को देख अजय भी कंफ्यूज होकर बोलेंगे- मेरी बीवी कौन है

हल्दी में खून काे पतला करने का गुण होता है इसलिए अगर कोई सर्जरी करवाने जा रहे है या खून गाढ़ा करने की दवा ले रहे है तो इसके सेवन से बचे।

आगे जानिए हल्दी का उपयोग किस-किस तरह से किया जा सकता है।

पायरिया की समस्या के लिए हल्दी को सरसों के तेल में मिलाकर मसूड़ों में लगाने से आराम मिलता है। इसके बाद गर्म पानी से कुल्ला करने से मसूड़ों से जुड़ी सभी प्रकार की समस्या दूर हो जाती है। मसूड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

इसे २० से ३० डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान चाहिए होता है और वार्षिक वर्षा की भी अच्छी मात्रा में आवश्यकता होती है। हल्दी पाउडर का स्वाद कड़वा, गर्म, काली मिर्च जैसा होता है और इसकी सुगंध मिट्टी, सरसों जैसी होती है।

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